2023 में एल नीनो की वापसी से दुनिया रिकॉर्ड तापमान का सामना कर सकती है
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2023 में एल नीनो की वापसी से दुनिया रिकॉर्ड तापमान का सामना कर सकती है

जलवायु में होनेवाले परिवर्तनों की शृंखला जिसका प्रभाव प्रशान्त क्षेत्र (Pacific Region) के कुछ भागों पर हमेशा कुछ वर्षों के बाद होता है। El Nino का स्पेनिश में शाब्दिक अर्थ “लिटिल बॉय” या “क्राइस्ट चाइल्ड” है। आपको बता दें कि, “जलवायु वैज्ञानिकों” द्वारा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की, जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और एल नीनो (El Nino) मौसम की घटना की प्रत्याशित वापसी से प्रेरित, दुनिया 2023 या 2024 में एक नए औसत तापमान रिकॉर्ड को तोड़ सकती है। El Nino के चलते जलवायु में होने वाले इस बदलाव के कारण समुद्री जल का तापमान बढ़ जाता है। और इसीलिए ये मछवारों और किसानों, दोनों के लिए एक बहुत बड़ा संकट बन जाता है।

भारत के जलवायु (Climate) की बात करें, तो इस साल उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र Punjab, Haryana, Rajasthan और Uttar Pradesh में सीजन की दूसरी छमाही में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। शोधकर्ताओं (Researchers) ने अनुमान लगाया है की, देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश के कम होने के आसार हैं, और इसमें Maharashtra, Madhya Pradesh और Gujrat का नाम भी दिया गया था। आमतौर पर, भारत में जून से अगस्त तक हमारे देश के किसान मानसून (Monsoon) में होने वाले फसलों क्र रोपाई का काम करते हैं, लेकिन इस साल पहले तोह मार्च के महीनी में होने वाले बेमौसम बरसात ने रबी फसलों को काफी नुक्सान पहुँचाया है। और अब जून से अगस्त तक बरसात बहुत काम होंगे बाकी वर्षों के मुक़ाबले। हालाँकि शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमे बताया गया है की इस साल जून में बारिश सामान्य से ज़्यादा होने के 10% संभावना है और सामान्य से काम होने की 20% संभावना है, जुलाई में ज़्यादा संभावना 20% और काम होने की 30% है और अगस्त में यही आंकड़ा 20% और 60% क्रमशः है।

प्रशांत महासागर क्षेत्र में इससे चक्रवात (Cyclone) का भी खतरा बढ़ जाता है। El Nino ऑस्ट्रेलिआ, इंडोनेशिया और दक्षिणी एशिया के कुछ हिस्सों में लम्बे समय के लिए सूखे की स्थिति पैदा कर सकती है। El Nino विशेष रूप से दुनिया के कुछ ही हिस्सों में होता है लेकिन इसका असर दुनियाभर के देशो में होता है। इसका असर अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग रूप में देखा जाता है, कहीं गर्मी से सूखे की स्थिति हो जाती है, तो कहीं तूफान और चक्रवात का भी खतरा होता है। इससे पहले El नीनो का असर साल 2015-16 में विश्व मौसम विभाग द्वारा देखा गया था। 

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